"शहीद की शहादत" वो माटी का बेटा था, वतन का रखवाला, हर सांस में बसा था उसका देश, निराला। कोबरा की वर्दी में, दिल था फौलादी, हाथों में बंदूक, आँखों में आग सादी। तुमरेल की धरती आज फिर भीगी है, एक माँ की गोद सूनी, एक चिता जली है। नक्सली वार में लड़ते-लड़ते चला गया, पर झुका नहीं, शेर बन कर ढह गया। मेहुल सोलंकी, तेरा नाम अमर रहेगा, तेरी कुर्बानी हर दिल में उतर रहेगा। शहीदों की ये धरती तुझ पर गर्व करेगी, तेरी हर कहानी, हर पीढ़ी को सिखाएगी। सलाम है तुझे, ओ वतन के सिपाही, तेरे बलिदान पे हर आँख है गवाही। तेरी याद में आज आसमाँ भी रोया है, एक वीर सपूत फिर धरती छोड़ गया है। शत-शत नमन।
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