"शहीद की शहादत"
वो माटी का बेटा था, वतन का रखवाला,
हर सांस में बसा था उसका देश, निराला।
कोबरा की वर्दी में, दिल था फौलादी,
हाथों में बंदूक, आँखों में आग सादी।
तुमरेल की धरती आज फिर भीगी है,
एक माँ की गोद सूनी, एक चिता जली है।
नक्सली वार में लड़ते-लड़ते चला गया,
पर झुका नहीं, शेर बन कर ढह गया।
मेहुल सोलंकी, तेरा नाम अमर रहेगा,
तेरी कुर्बानी हर दिल में उतर रहेगा।
शहीदों की ये धरती तुझ पर गर्व करेगी,
तेरी हर कहानी, हर पीढ़ी को सिखाएगी।
सलाम है तुझे, ओ वतन के सिपाही,
तेरे बलिदान पे हर आँख है गवाही।
तेरी याद में आज आसमाँ भी रोया है,
एक वीर सपूत फिर धरती छोड़ गया है।
शत-शत नमन।
DGMO का मतलब है Director General of Military Operations। ये भारतीय सेना के ऑपरेशन्स शाखा (Military Operations Directorate) के प्रमुख होते हैं। DGMO भारतीय सेना के उन सबसे अहम अधिकारियों में से एक हैं जो देश की सीमाओं पर सैन्य गतिविधियों और ऑपरेशन्स की योजना बनाते हैं, उनका नियंत्रण करते हैं और निगरानी रखते हैं।
WhatsApp: +91 9914436629 | Name: Headline Hub हिन्दी DGMO के मुख्य कार्य: LOC (Line of Control) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना की तैनाती और स्थिति की निगरानी। देश के अंदर और बाहर सैन्य ऑपरेशन्स की रणनीति तैयार करना। युद्ध और आपातकालीन स्थिति में सेना की तैयारियों का नेतृत्व करना। अन्य देशों के DGMO से संपर्क करना। जैसे भारत और पाकिस्तान के DGMO हॉटलाइन पर बातचीत करते रहते हैं, खासकर जब सीमा पर तनाव होता है। DGMO का रैंक:आमतौर पर DGMO लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) रैंक के अधिकारी होते हैं। भारतीय सेना में DGMO का कार्यालय: इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर ऑफ डिफेंस स्टाफ (IHQ of MOD) में होता है, जो नई दिल्ली में है। DGMO (Director General of Military Operations) का इतिहास भारतीय सेना में DGMO पद की स्थापना 1947 में भारत की आज़ादी के बाद की गई थी, जब भारत ने अपनी सेना के स्वतंत्र सैन्य कमान और संरचना विकसित करनी शुरू की। पहले ये जिम्मेदारी ब्रिटिश अफसर संभालते थे, लेकिन धीरे-धीरे भारतीय अफसरों को ये जिम्मेदारियां दी गईं। 1950 के दशक में भारतीय सेना की कमान पूरी तरह भ...
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