तो चलिए — मैं आपको समझाता हूँ कि सिविल नागरिकों के लिए युद्ध मॉकड्रिल क्या होती है और कैसे की जाती है:
सिविल नागरिकों के लिए युद्ध मॉकड्रिल क्या है?
ये एक तरह की आपातकालीन तैयारी अभ्यास होती है, जिसमें आम जनता को युद्ध या आतंकी हमले जैसी स्थिति में
बचाव के तरीके, सुरक्षित जगह पहुंचना, जरूरी सामान इकट्ठा करना और सरकारी निर्देशों का पालन करना सिखाया जाता है।
इसमें क्या सिखाया जाता है?
1. सायरन या अलर्ट मिलने पर क्या करें
बंकर या सुरक्षित ठिकाने में चले जाएं
खुले मैदान, खिड़की, और शीशे से दूर रहें
2. इमरजेंसी किट तैयार रखना
पानी, सूखा खाना, दवाईयां, टॉर्च, मोबाइल चार्जर, पहचान पत्र, नकद पैसे
3. घर के सुरक्षित हिस्से की जानकारी
जैसे बेसमेंट या मजबूत दीवारों वाला कमरा
4. सरकारी निर्देशों का पालन
अफवाहों से बचना
सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के कोई जानकारी न फैलाना
5. प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट एड)
जख्म साफ करना, पट्टी बांधना, सांस रुकने पर CPR देना
भारत में सिविल युद्ध मॉकड्रिल की ज़रूरत
भारत में ज्यादातर मॉकड्रिल सेना और सुरक्षा बलों के लिए होती है, लेकिन
सिविल नागरिकों के लिए ऐसी मॉकड्रिल बहुत कम होती है, जबकि जरूरत बहुत ज्यादा है।
खासतौर पर:
बॉर्डर इलाकों में
बड़े शहरों में (जैसे दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़)
स्कूल-कॉलेज, मॉल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट
सरकार को क्या करना चाहिए?
हर जिले में सिविल डिफेंस वॉर मॉकड्रिल करवानी चाहिए
लोगों को एयर रेड सायरन और रिफ्यूज बंकर की जानकारी देनी चाहिए
डिजिटल और ऑनग्राउंड ट्रेनिंग करवानी चाहिए
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