22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। हमलावरों ने सेना की वर्दी पहनकर पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें उन्होंने पहले लोगों से उनका नाम और धर्म पूछा, फिर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर गोलीबारी की।
हमले की योजना और निष्पादन
सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी हमले से एक सप्ताह पहले ही पहलगाम पहुंच गए थे और उन्होंने बैसरन, बेताब और आड़ू घाटियों की रेकी की थी। अंततः बैसरन को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां से भागना आसान था। हमले के दिन, आतंकियों ने दोपहर 2:45 बजे हमला किया, जो लगभग 15 मिनट तक चला। उन्होंने AK-47 और M4 कार्बाइन जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया और कुछ ने बॉडी कैमरा भी पहना था।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को कायराना करार देते हुए कहा कि दोषियों को उनके जघन्य कृत्य की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत ने पाकिस्तान पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया है। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।
स्थानीय प्रतिक्रिया और मानवाधिकार चिंताएं
हमले के बाद, भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर में व्यापक कार्रवाई शुरू की, जिसमें 2,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और कुछ घरों को ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, इन कार्रवाइयों की वैधता पर सवाल उठे हैं, क्योंकि कई निर्दोष नागरिकों को भी प्रभावित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है। अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में साथ देने की बात कही है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमला न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करता है। इस घटना ने दिखाया है कि कश्मीर में स्थिति अभी भी नाजुक है और सतर्कता, संवाद और न्याय की आवश्यकता है।
DGMO का मतलब है Director General of Military Operations। ये भारतीय सेना के ऑपरेशन्स शाखा (Military Operations Directorate) के प्रमुख होते हैं। DGMO भारतीय सेना के उन सबसे अहम अधिकारियों में से एक हैं जो देश की सीमाओं पर सैन्य गतिविधियों और ऑपरेशन्स की योजना बनाते हैं, उनका नियंत्रण करते हैं और निगरानी रखते हैं।
WhatsApp: +91 9914436629 | Name: Headline Hub हिन्दी DGMO के मुख्य कार्य: LOC (Line of Control) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना की तैनाती और स्थिति की निगरानी। देश के अंदर और बाहर सैन्य ऑपरेशन्स की रणनीति तैयार करना। युद्ध और आपातकालीन स्थिति में सेना की तैयारियों का नेतृत्व करना। अन्य देशों के DGMO से संपर्क करना। जैसे भारत और पाकिस्तान के DGMO हॉटलाइन पर बातचीत करते रहते हैं, खासकर जब सीमा पर तनाव होता है। DGMO का रैंक:आमतौर पर DGMO लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) रैंक के अधिकारी होते हैं। भारतीय सेना में DGMO का कार्यालय: इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर ऑफ डिफेंस स्टाफ (IHQ of MOD) में होता है, जो नई दिल्ली में है। DGMO (Director General of Military Operations) का इतिहास भारतीय सेना में DGMO पद की स्थापना 1947 में भारत की आज़ादी के बाद की गई थी, जब भारत ने अपनी सेना के स्वतंत्र सैन्य कमान और संरचना विकसित करनी शुरू की। पहले ये जिम्मेदारी ब्रिटिश अफसर संभालते थे, लेकिन धीरे-धीरे भारतीय अफसरों को ये जिम्मेदारियां दी गईं। 1950 के दशक में भारतीय सेना की कमान पूरी तरह भ...
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